UPI के नए नियमों की मुख्य बातें:
1. ₹2,000 से ऊपर के ट्रांजैक्शन पर अतिरिक्त पुष्टि जरूरी
अब यदि आप ₹2,000 से अधिक की राशि ट्रांसफर कर रहे हैं, तो ओटीपी या बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन आवश्यक होगा। यह कदम फिशिंग और फ्रॉड को रोकने के लिए उठाया गया है।
2. UPI लाइट लिमिट ₹500 से बढ़ाकर ₹1,000
UPI Lite की सीमा को ₹500 से बढ़ाकर अब ₹1,000 प्रति लेनदेन कर दिया गया है। इससे छोटे भुगतान जैसे – दुकानों, कैफे और ट्रैफिक जुर्माने के लिए UPI लाइट और सुविधाजनक हो गया है।
3. ऑटो-पे में बदलाव: 24 घंटे पहले मिलेगा अलर्ट
ऑटो-पेमेंट्स (जैसे नेटफ्लिक्स, अमेज़न प्राइम, या मोबाइल रिचार्ज) के लिए अब ट्रांजैक्शन से 24 घंटे पहले यूज़र को अलर्ट मिलेगा। ग्राहक चाहें तो उस भुगतान को रद्द भी कर सकते हैं।
4. मर्चेंट पेमेंट में नया UPI सेफगार्ड
अगर आप किसी दुकानदार या व्यापारी को पेमेंट कर रहे हैं, तो नया नियम यह सुनिश्चित करेगा कि UPI ID और नाम मिलान करके ही भुगतान आगे बढ़े।
5. फास्ट UPI रिवर्सल सुविधा
अगर गलती से गलत नंबर पर पैसे भेज दिए गए हों, तो अब UPI रिवर्सल प्रक्रिया पहले से तेज होगी। NPCI ने सभी बैंकों को 2 घंटे के अंदर शिकायत समाधान का लक्ष्य दिया है।
किसे फायदा होगा?
- आम उपभोक्ता को सुरक्षित ट्रांजैक्शन
- दुकानदारों को विश्वसनीय भुगतान प्रणाली
- डिजिटल भुगतान को और बढ़ावा
NPCI का कहना:
"हमारा उद्देश्य डिजिटल पेमेंट को हर नागरिक के लिए भरोसेमंद और तेज बनाना है। नए नियम इसी दिशा में एक कदम हैं।"
निष्कर्ष:
अगर आप भी UPI का इस्तेमाल करते हैं तो 1 अगस्त 2025 से लागू हुए इन नियमों की जानकारी जरूर रखें। इससे न सिर्फ आपके लेनदेन सुरक्षित होंगे, बल्कि आप धोखाधड़ी से भी बच सकेंगे।