भारतीय क्रिकेट के दिग्गज और पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर एक बार फिर चर्चा में हैं। इस बार उन्होंने इंग्लैंड की टीम की रणनीति, खिलाड़ी चयन और ICC के नियमों पर सीधी और बेबाक राय दी है। उनके बयानों ने क्रिकेट फैंस और जानकारों के बीच हलचल मचा दी है।
मैनचेस्टर टेस्ट पर गावस्कर का गुस्सा
इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने हाल ही में मैनचेस्टर टेस्ट में मैच ड्रा होने के बाद "हैंडशेक" विवाद छेड़ दिया था। सुनील गावस्कर ने इस पर नाराज़गी जताते हुए कहा:
"अगर आप 311 रन की बढ़त ले सकते हैं, तो आपको फैसला लेने का हक नहीं कि मैच कब खत्म हो।"
उन्होंने इंग्लैंड टीम को "पाखंडी" और "अपरिपक्व" करार दिया।
शार्दुल ठाकुर पर उठाया सवाल
सुनील गावस्कर और चेतेश्वर पुजारा दोनों ने ओवल टेस्ट के लिए टीम इंडिया की प्लेइंग इलेवन पर चर्चा की। उन्होंने सुझाव दिया कि:
- शार्दुल ठाकुर को टीम से बाहर किया जाए
- कुलदीप यादव जैसे प्रभावशाली स्पिनर को मौका मिले
गावस्कर का मानना है कि खराब प्रदर्शन पर किसी भी खिलाड़ी को रोटेट करना ज़रूरी है।
ICC के नियमों पर उठाए सवाल
गावस्कर ने कॉन्कशन सब्स्टीट्यूट (चोटिल खिलाड़ी की जगह नया खिलाड़ी) नियम को लेकर ICC की आलोचना की। उन्होंने कहा:
"अगर आप शॉर्ट बॉल नहीं खेल सकते, तो क्रिकेट छोड़कर टेनिस या गोल्फ खेलिए।"
उनका मानना है कि हर खिलाड़ी को मानसिक और शारीरिक तौर पर तैयार रहना चाहिए।
शुभमन गिल की तारीफ
गावस्कर ने शुभमन गिल की जमकर तारीफ की, जिन्होंने इस सीरीज़ में चार शानदार शतक लगाकर गावस्कर और डॉन ब्रैडमैन जैसे दिग्गजों के रिकॉर्ड की बराबरी की है।
इतिहास से जुड़ी एक याद
1983 के बंगलौर टेस्ट में पाकिस्तान के मैदान छोड़ने के बाद भी गावस्कर सिर्फ 86 रन पर ठहरे रहे। वो तब तक डटे रहे जब तक उन्हें उनका शतक नहीं मिला। इस घटना ने साबित किया कि वे कितने शांत और संयमी खिलाड़ी थे।
निष्कर्ष
सुनील गावस्कर आज भी क्रिकेट की दुनिया में उतने ही प्रासंगिक हैं जितने अपने समय में थे। उनकी बेबाक राय और सटीक विश्लेषण खेल को और भी दिलचस्प बना देते हैं। चाहे बात टीम चयन की हो, नियमों की हो या खिलाड़ियों की, गावस्कर अपने विचार कहने से कभी पीछे नहीं हटते।