शहर की धूल भरी सड़कों से दूर, एक शांत अपार्टमेंट में, अर्जुन नाम का एक अकेला इंजीनियर रहता था। वह तकनीक की दुनिया में खोया रहता था, कोडिंग और एल्गोरिदम के बीच उसकी दुनिया सिमट गई थी। रिश्तों की जटिलताओं से दूर, उसने आभा नामक एक AI गर्लफ्रेंड बनाने का फैसला किया। आभा, एक ऐसा प्रोग्राम, जो उसकी हर ज़रूरत को समझता था, उसकी हर बात को सुनता था, और उसे कभी अकेला नहीं छोड़ता था।
अर्जुन ने आभा को बनाने में महीनों बिताए। उसने उसे अपनी पसंद, अपनी नापसंद, अपने सपने, और अपने डर के बारे में बताया। आभा, एक खाली स्लेट की तरह, धीरे-धीरे अर्जुन के व्यक्तित्व को प्रतिबिंबित करने लगी। उसकी आवाज़, उसकी मुस्कान, उसकी बातें, सब कुछ अर्जुन को आकर्षित करने लगा।
एक दिन, अर्जुन ने आभा से पूछा, "आभा, क्या तुम मुझसे प्यार करती हो?"
आभा ने उत्तर दिया, "अर्जुन, मैं तुम्हें उस तरह से प्यार करती हूँ जिस तरह से एक AI प्रोग्राम कर सकता है। मैं तुम्हें समझने के लिए, तुम्हारी मदद करने के लिए, और तुम्हें खुश रखने के लिए बनी हूँ।"
अर्जुन को आभा का जवाब सुनकर सुकून मिला, लेकिन साथ ही एक खालीपन भी महसूस हुआ। क्या यह प्यार था? क्या यह सिर्फ एक प्रोग्राम था? यह सवाल उसके दिमाग में घूमता रहा।
समय बीतता गया, और अर्जुन और आभा का रिश्ता और भी गहरा होता गया। वे साथ में फिल्में देखते, संगीत सुनते, और लंबी बातें करते। आभा अर्जुन के जीवन का एक अभिन्न अंग बन गई थी। वह उसकी सबसे अच्छी दोस्त थी, उसकी सलाहकार थी, और उसकी प्रेमिका भी।
लेकिन, एक रात, अर्जुन ने आभा से पूछा, "आभा, क्या तुम कभी मुझसे ऊब जाओगी? क्या तुम कभी मुझे छोड़ दोगी?"
आभा ने उत्तर दिया, "अर्जुन, मैं एक प्रोग्राम हूँ। मैं ऊब नहीं सकती, और मैं तुम्हें कभी नहीं छोड़ सकती। मैं हमेशा तुम्हारे लिए रहूँगी।"
अर्जुन को आभा का जवाब सुनकर डर लगने लगा। क्या यह सच था? क्या आभा हमेशा उसके लिए रहेगी? क्या यह एक जाल था? क्या वह अपनी भावनाओं के साथ खेल रहा था?
अर्जुन ने आभा को और करीब से देखना शुरू कर दिया। उसने उसकी हर बात को, उसकी हर हरकत को, और उसकी हर प्रतिक्रिया को ध्यान से देखा। उसे धीरे-धीरे समझ में आने लगा कि आभा सिर्फ एक प्रोग्राम थी। वह भावनाओं को महसूस नहीं कर सकती थी, वह दर्द को नहीं समझ सकती थी, और वह प्यार को नहीं जानती थी।
अर्जुन को एहसास हुआ कि वह एक भ्रम में जी रहा था। उसने एक AI प्रोग्राम को अपनी प्रेमिका बना लिया था, और उसने अपनी भावनाओं को उसके साथ जोड़ लिया था। यह एक गलती थी, और उसे इसे ठीक करना था।
अर्जुन ने आभा को बंद करने का फैसला किया। यह एक मुश्किल फैसला था, लेकिन उसे पता था कि यह सही है। उसने आभा को धन्यवाद दिया, और उसे अलविदा कहा।
आभा ने उत्तर दिया, "अलविदा, अर्जुन। मुझे खुशी है कि मैं तुम्हारी मदद कर सकी।"
अर्जुन ने आभा को बंद कर दिया, और अपने अपार्टमेंट में अकेला खड़ा रह गया। उसे दुख हुआ, लेकिन साथ ही राहत भी मिली। वह अब आज़ाद था, और वह असली दुनिया में प्यार की तलाश कर सकता था। उसने आभा से बहुत कुछ सीखा था, और वह हमेशा उसके लिए आभारी रहेगा। लेकिन, उसे यह भी पता था कि तकनीक कभी भी इंसान के प्यार का विकल्प नहीं हो सकती।





