EPFO के नए नियम: मुख्य बदलाव
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने EPF और EPS निकासी के नियमों में बड़े बदलाव किए हैं। ये नए नियम अक्टूबर 2025 से प्रभावी हैं और 7 करोड़ से अधिक EPF सदस्यों को प्रभावित करते हैं। मुख्य उद्देश्य सदस्यों को वित्तीय लचीलापन प्रदान करना है साथ ही रिटायरमेंट की सुरक्षा भी सुनिश्चित करना है।
75% तुरंत निकासी की सुविधा
नए नियमों के अनुसार, नौकरी छोड़ने पर सदस्य अपने EPF बैलेंस का 75% हिस्सा तुरंत निकाल सकते हैं। इसमें कर्मचारी और नियोक्ता दोनों का योगदान और ब्याज शामिल है। बाकी 25% बैलेंस एक साल की बेरोजगारी के बाद निकाला जा सकता है। यह व्यवस्था बेरोजगारी के दौरान वित्तीय राहत प्रदान करती है।
25% न्यूनतम बैलेंस की आवश्यकता
EPFO ने 25% न्यूनतम बैलेंस रखने का नियम इसलिए बनाया है क्योंकि अधिकतर सदस्यों के खाते में रिटायरमेंट के समय पर्याप्त राशि नहीं होती। आंकड़ों के अनुसार, 75% PF सदस्यों के पास फाइनल सेटलमेंट के समय 50,000 रुपये से कम था। यह न्यूनतम बैलेंस 8.25% की दर से ब्याज कमाता रहेगा।
तीन श्रेणियों में सरलीकरण
पहले EPF निकासी के 13 अलग प्रावधान थे, अब इन्हें तीन श्रेणियों में बांटा गया है: आवश्यक जरूरतें (बीमारी, शिक्षा, शादी), आवास जरूरतें, और विशेष परिस्थितियां। शिक्षा के लिए अब 10 बार और शादी के लिए 5 बार निकासी की सुविधा है, जो पहले कुल मिलाकर 3 बार थी। सभी श्रेणियों के लिए न्यूनतम सेवा अवधि अब 12 महीने है।
पेंशन निकासी में बदलाव
EPS बैलेंस अब 36 महीने की बेरोजगारी के बाद ही निकाला जा सकता है, जो पहले 2 महीने था। यह बदलाव कर्मचारियों को अपनी पेंशन बचत को लंबे समय तक बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित करता है। 10 साल की सेवा पूरी करने वाले सदस्य 58 साल की उम्र में पेंशन के हकदार हैं।
डिजिटल प्रक्रिया और सुविधाएं
नई निकासी प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल और स्वचालित है। विशेष परिस्थितियों में बिना कारण बताए निकासी की सुविधा है। 100% योग्य बैलेंस निकालने की सुविधा अब उपलब्ध है। यह व्यवस्था न्यूनतम दस्तावेज और तेज प्रक्रिया सुनिश्चित करती है।
सदस्यों के लिए फायदे और नुकसान
नए नियम तत्काल वित्तीय जरूरतों में सहायक हैं लेकिन फुल निकासी के लिए अब ज्यादा इंतजार करना होगा। 25% बैलेंस का लॉक-इन पीरियड रिटायरमेंट प्लानिंग में मदद करेगा। कंपाउंडिंग का फायदा मिलता रहेगा और लंबी अवधि में बेहतर रिटायरमेंट कॉर्पस बनेगा।