Diwali 2025: दीपावली कब है 2025 में? जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Diwali 2025

दीपावली 2025 की तारीख और दिन

दीपावली का त्योहार हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। वर्ष 2025 में दीपावली 20 अक्टूबर, सोमवार को मनाई जाएगी। यह भारत का सबसे बड़ा त्योहार है जिसे रोशनी का त्योहार भी कहा जाता है। इस दिन देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। दीपावली का त्योहार 5 दिनों तक चलता है जिसमें धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दीपावली, गोवर्धन पूजा और भाई दूज शामिल है।

लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त

दीपावली 2025 में लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त शाम 6:12 बजे से रात 8:01 बजे तक रहेगा। यह लगभग 1 घंटे 49 मिनट का मुहूर्त है। प्रदोष काल में लक्ष्मी पूजन करना सर्वाधिक शुभ माना जाता है। इस समय देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए विधिवत पूजा करनी चाहिए। अमावस्या तिथि सुबह 3:52 बजे से शुरू होकर अगले दिन सुबह 2:44 बजे तक रहेगी।

दीपावली पूजा की विधि और सामग्री

दीपावली की पूजा के लिए सबसे पहले घर की साफ-सफाई करें और रंगोली बनाएं। पूजा के लिए लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति या तस्वीर, दीप, तेल, बत्ती, फूल, फल, मिठाई, सुपारी, नारियल, चावल और रोली की आवश्यकता होती है। पूजा की शुरुआत गणेश जी से करें फिर लक्ष्मी जी की आराधना करें। दीप जलाकर आरती करें और मंत्र जाप करें। पूजा के बाद घर के सभी कोनों में दीप जलाएं।

दीपावली मनाने की परंपराएं

दीपावली के दिन घर-आंगन को दीपों से सजाया जाता है। यह त्योहार अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। पारंपरिक रूप से इस दिन नए कपड़े पहने जाते हैं और मिठाइयों का आदान-प्रदान किया जाता है। बाजारों में विशेष सजावट होती है और लोग खरीदारी करते हैं। रात में आतिशबाजी की जाती है और पटाखे जलाए जाते हैं। परिवार और मित्रों के साथ मिलकर खुशियां मनाई जाती हैं।

दीपावली का धार्मिक और सामाजिक महत्व

दीपावली का त्योहार भगवान राम के 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या वापसी की खुशी में मनाया जाता है। इस दिन देवी लक्ष्मी के घर आने की मान्यता है। व्यापारी अपनी बही-खाता बदलते हैं और नया व्यापारिक वर्ष शुरू करते हैं। सामाजिक रूप से यह त्योहार एकता और भाईचारे को बढ़ावा देता है। गरीबों में मिठाई और कपड़े बांटने की परंपरा है।

पर्यावरण के अनुकूल दीपावली

आजकल पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए दीपावली मनाने पर जोर दिया जा रहा है। पारंपरिक मिट्टी के दीप जलाने से वायु शुद्ध होती है। आतिशबाजी कम करने और नॉइज फ्री पटाखे का उपयोग करने की सलाह दी जाती है। LED लाइट्स का उपयोग करके बिजली की बचत की जा सकती है। घर की सफाई में केमिकल की जगह प्राकृतिक सामग्री का उपयोग बेहतर होता है।

दीपावली की तैयारी और खरीदारी

दीपावली से पहले घरों की रंगाई-पुताई और सफाई का काम शुरू हो जाता है। बाजारों में मिठाई, सूखे मेवे, दीप, और सजावटी सामान की भरमार हो जाती है। ज्वेलरी और कपड़ों की खरीदारी भी इस समय खूब होती है। ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म पर भी विशेष छूट और ऑफर मिलते हैं। व्यापारियों के लिए यह साल का सबसे महत्वपूर्ण समय होता है।

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